Sahid की जरसी करती है प्रेरित
जर्सी लगाती है शाहिद के करियर के नइया को पार या फेर देती है उनके सपनों पर पानी
Sahid की जरसी करती है ।
प्रमुख कलाकार- शाहिद कपूर, मृणाल ठाकुर
निर्देशक :- गौतम तिन्ननूरी
अवधि : – 2 hours 54 min
2019 में इसी फिल्म नाम से बनी तेलुगु फिल्म की आधिकारिक रीमेक है। मूल फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। फिल्म जर्सी के निर्देशक गौतम तिन्ननुरी ने हीं इसके मूल फिल्म का भी निर्देशन किया था। खिलाड़ियों की मुश्किल यह है कि 35 की उम्र पार करते ही उनके खेलने और फिटनेस को लेकर उनपर सवाल उठने लग जाते हैं। उनकी पिछली उपलब्धियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। अच्छा प्रदर्शन न करने पर उन्हें टीम से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया जाता है। कहानी के अनुसार रणजी ट्रॉफी का पूर्व स्टार क्रिकेटर अर्जुन तलवार ( Character played by Sahid Kapoor ) शाहिद कपूर के द्वारा अपने करियर के शिखर पर क्रिकेट छोड़ देता है। उसके बावजूद जो उसके कोंच होते हैं यह ( कैरक्टर प्ले किया गया है पंकज कपूर के द्वारा ) के लिए अर्जुन चैंपियन है। दोनों के बीच बाप बेटे जैसा रिश्ता है। अर्जुन अपनी पत्नी ( कैरेक्टर प्लेट बाय मृणाल ठाकुर और 7 साल के बेटे की character played by Rohit Camera ) के साथ सरकारी मकान में रह रहा है। रिश्वतखोरी का आरोप अर्जुन के ऊपर लगता है जिसके बाद उससे नौकरी से निकाल दिया जाता है। विध्धा होटल में काम करती है और उसी के वेतन से उसका घर चलता है। दोनों के रिश्ते में एक खट्टापन सा आ जाता है हालांकि दोनों की लव मैरिज हुई होती है। अपने जन्मदिन पर अर्जुन का बेटा किट्टू उससे इंडियन क्रिकेट टीम का जर्सी मांगता है। क्योंकि अर्जुन को काम से निकाला जा चुका था अ,एक बेरोजगार इंसान था इसीलिए वह लाख जतन करने के बाद भी अपने बेटे के लिए जर्सी नहीं ला पाता है और यहीं से असल कहानी शुरू होती है। आखिरकार 36 साल का हो चुका अर्जुन मैदान पर बतौर क्रिकेटर वापसी करने का फैसला करता है।क्या इंडियन टीम में वापसी का उसका सपना सच हो पाता है या क्रिकेट छोड़ने की असल वजह क्या थी यह रहस्य आपको फिल्म देखने के बाद पता चलेगा।
आपको बता दें कि यह पूर्ण तरीके से एक काल्पनिक कहानी है लेकिन अर्जुन तलवार जैसे प्रतिभाशाली क्रिकेटर के जीवन के जरिए पूर्व क्रिकेटर की मुश्किलें अर्चन, भटकाव और निजी रिश्तो में जो बातें चलती है । तन्नूनुरी ने उसे दिखाने का प्रयास किया है। आपको बता दें कि इंटरवल से पहले फिल्म की कहानी में अर्जुन की जिसने क्रिकेट छोड़ दी है खस्ता हालत दिखाई जाती है जो अपने हालातों से लड़ रहा होता है।
यह फिल्म आपको प्रेरणा देती है की उम्र नहीं बल्कि आपका डेडीकेशन आपका अपने लक्ष्य के प्रति जज्बा मायने रखता है।रिश्तो में आपसी समझदारी और आपस में बातचीत होना बहुत जरूरी है कम्युनिकेशन होना बहुत जरूरी है। फिल्म में कुछ ऐसे अटपटे सिर्फ दृश्य दिखाए गए हैं जिसमें लॉजिक समझ में नहीं आता है जैसे कि अर्जुन एक सरकारी क्वार्टर में रहता है फिर भी मकान मालिक को 3 महीने का किराया देने की बात थोड़ी समझ में नहीं आती। फिल्म में कई भावूक पर भी है लेकिन वह आपके दिल को नहीं छुपाती।फिल्म के चुटकुले भी हैं जो आपको समय-समय पर हंसाते रहते हैं जैसे कि अर्जुन को रिश्वतखोरी के इल्जाम में नौकरी से निकाला जाता है लेकिन अर्जुन को वापस उस नौकरी को पाने के लिए उससे रिश्वत मांगी जाती है।
अब बात करते हैं फिल्म के किरायेदारों की
अर्जुन का किरदार जो कि शाहिद कपूर ने निभाया है शाहिद ने अर्जुन के किरदार में अपने आप को बखूबी निखारा है शाहिद कपूर की क्रिकेटर वाली बॉडी लैंग्वेज, खेलने की शैली एटीट्यूड वगैरा काफी सटीक बैठे हैं। अब हम बात करें मृणाल ठाकुर के Character की वह भी अपने कैरेक्टर को Justify करते हुए नजर आए हैं।आगे बढ़कर अगर हम देखें पंकज कपूर जो असिस्टेंट कोच के रूप में सब को प्रभावित कर रहे हैं उन्होंने भी अपने किरदार को बखूबी निभाया है।
वही आपको बता दें कि फ्रेंचाइजी आपको यह शिक्षा देती है कि वक्त चाहे कोई भी हो आप नाकामयाब हो एक समय पर , लेकिन अगर आप ठान ले तो आपके हाथ कामयाबी लग सकती है बस उसके लिए आपको मेहनत करनी पड़ेगी।